इस ब्लैक होल से हमे क्यों डरना चाहिए ?
दुनिया की हर वो वस्तु जिसमे द्रव्यमान है, ब्लैक होल में बदल सकती है, हर वस्तु, ज़िंदा या मुर्दा, इंसान या जानवर बस, हमे उस वस्तु को उसकी आखिरी हद तक कुचलना होगा, उस वस्तु को इतना कम्प्रेस करना होगा के वो वस्तु अपने श्वार्जचाइल्ड रेडियस तक पहुँच जाए, श्वार्जचाइल्ड रेडियस किसी वस्तु की सिकुड़ने की अधिकतम सीमा को कहा जाता है, यदि हम कल्पना करते है, के कोई इंसान ब्लैक होल में तब्दील हो जाए, तो हमे उस इंसान के शरीर में मौजूद समस्त द्रव्यमान को इस हद तक सिकोड़ना होगा, के वो इंसान एक रेत के बारीक कण से भी खरबों खरब गुना छोटा हो जाएगा,- किन्तु उसके भार में कोई परिवर्तन नहीं आएगा, वहीँ यदि हम थोडा बड़ा ऑब्जेक्ट लेते है, तो उस ऑब्जेक्ट के ब्लैक होल में तब्दील होने से कुछ अन्य बेहद ही आश्चर्यजनक बदलाव भी हो सकते है, उदाहरण के लिए यदि एक हवाई जहाज अचानक से ब्लैक होल में तब्दील हो जाता है, तो उस हवाई जहाज का आकार हाइड्रोजन के एक परमाणु से भी छोटा हो जाएगा, लेकिन इतना छोटा ब्लैक होल ज्यादा समय तक आस्तित्व में नहीं रह सकता,
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